Hello Spark Riders,
कैसे हैं आप लोग? I hope ठीक होंगे। आज मैं आपको बाबा भोलेनाथ के धामों में से एक की यात्रा के यात्रा के बारे में बताऊंगा।
ये है केदारनाथ
इस video के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की आप यहाँ कैसे पहुंच सकते है, कितने दिन लगेंगे और खर्चा कितना होगा, रहने और खाने की वय्वस्ता के बारे में भी बताऊंगा।
तो वीडियो को पूरा देखे, और अच्छी लगे तो like and share करे। अगर आपका कोई सवाल हो तो comment section में पूछे। Spark riders से जुड़ने के लिए और ऐसी जानकारी से भरपूर वीडियो पाते रहने के लिए channel को subscribe करे।
गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग। केदारनाथ धाम और मंदिर तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड। न सिर्फ तीन पहाड़ बल्कि पांच नदियों का संगम भी है यहां- मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम।
यहाँ कैसे पहुंचे?
केदारनाथ की यात्रा सही मायने में हरिद्वार या ऋषिकेश से आरंभ होती है। हरिद्वार देश के सभी बड़े और प्रमुख शहरो से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। हरिद्वार तक आप ट्रेन से आ सकते है। यहाँ से आगे जाने के लिए आप चाहे तो टैक्सी बुक कर सकते हैं या बस से जा सकते हैं। हरिद्वार से सोनप्रयाग 235 किलोमाटर और सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किलोमाटर आप सड़क मार्ग से किसी भी प्रकार की गाड़ी से जा सकते है। यदि आप हवाई जहाज का सफर करके केदरनाथ मंदिर तक पहुंचना चाहे तो इसके सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून जॉली ग्रांट है जिस भी शहर या राज्य से देहरादून तक के लिए फ्लाइट उपलब्ध है तो आप देहरादून आ सकते है अन्यथा दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर देहरादून जॉली ग्रांट तक जा सकते है । हवाई यात्रा का भी सफर देहरादून तक ही हो पायेगा बाकि का रास्ता बस के द्वारा ही करना पड़ेगा
इससे आगे का 16 किलोमाटर का रास्ता आपको पैदल ही चलना होगा या आप पालकी या घोड़े से भी जा सकते हैं। यहाँ रास्ता भी बहुत संभल कर चलने वाला है। पालकी का किराया 5000 से 6000 रूपए तक एक तरफ का होता है। अगर आप घोड़े से जाते है तो इसके किराया 2300 रूपए होता है। यदि आप गौरीकुंड से घोड़े से जाते है, तो उसका किराया 2500 रूपए होता है। अगर आप हेलीकाप्टर से जाते है, तो आपका किराया 6000 तक आने जाने का होता है। आपको सोनप्रयाग से पहले फाटा से हेलीकाप्टर की सुविधा मिलेगी। अगर आप peak season में आते है तो आपको ज्यादा भीड़ मिल सकते है। तो कोशिश करे की हेलीकाप्टर की बुकिंग ऑनलाइन करवा ले। यहाँ हेलीकाप्टर का उड़ना मौसम पर भी निर्भर करता है।
हरिद्वार या ऋषिकेश में से आप जहाँ से भी यात्रा आरम्भ करें गौरीकुंड तक पहुँचने में 2 दिन लें। आप रात्रि विश्राम श्रीनगर (गढ़वाल) या रुद्रप्रयाग में करें और अगले दिन गौरीकुंड जाएं। यदि आप एक दिन में गौरीकुंड चले जाते हैं तो इस पहाड़ी रास्ते पर आप इतना अधिक थक जायेगें कि अगले दिन प्रतिकूल मौसम वाले जगह में गौरीकुंड से केदारनाथ की चढ़ाई चढ़ने में बहुत ही दिक्कत महसूस करेंगे। अच्छा यही होगा आप 2 दिन का समय लें ऐसा मेरा मानना है और मेरा अनुभव भी है। हरिद्वार के रास्ते में आपको बहुत ऐसे स्थान मिलेंगे जहाँ आप रात में रुक सकते हैं। पर इन जगहों में श्रीनगर और रुद्रप्रयाग लगभग आधी दूरी पर है। आप चाहें तो गुप्तकाशी में भी रुक सकते हैं और यदि आप पहले दिन हरिद्वार या ऋषिकेश से गुप्तकाशी तक पहुँच जाते हैं तो अगले दिन गौरीकुंड में रुकने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि गुप्तकाशी से गौरीकुंड 1 से 1ः30 घंटे का ही रास्ता है।
आप अपना सामान होटल या गेस्ट हाउस में लॉकर रूम में रखवाकर गुप्तकाशी से सुबह जल्दी 6 बजे तक निकल जाएं और 8 बजे तक गौरीकुंड से चढ़ाई करना शुरू कर दें। शाम तक केदारनाथ पहुंचे दर्शन करे और रात में केदारनाथ में रुकें। यदि चाहे तो सुबह फिर से दर्शन करे और फिर वापस गौरीकुंड आ जाये और फिर गौरीकुंड से गुप्तकाशी आकर रात में रुकें। यदि आप पहले दिन श्रीनगर या रुदप्रयाग में रुकते हैं तो अगले दिन आप सारा सामान साथ में ले जाये और गौरीकुंड तक पहुचे और रात में गौरीकुंड में ठहरें। और फिर उसके अगले दिन सामान लॉकर रूम में रखकर सुबह 5 बजे चढ़ाई शुरू कर दें। केदारनाथ पहुंच कर दर्शन करे फिर रात में रुकें या वापस गौरीकुंड वापस आ जाये। मेरा तो ये मानना है कि यदि आप केदारनाथ जाते है तो भोलेनाथ की उस धरती पर एक रात अवश्य गुजारें। एक बात और गौरीकुंड से केदारनाथ के रास्ते में दोपहर बाद मौसम खराब हो जाता है जो करीब 2 से 3 बजे तक खराब ही रहता है और ये कोई एक या दो दिन नहीं बल्कि हर दिन होता है। बस से जाने के लिए आपको पहले रुद्रप्रयाग जाना होगा। रुद्रप्रयाग से दो रास्ते हो जाते हैं। एक रास्ता केदारनाथ और दूसरा बद्रीनाथ जाता है। हरिद्वार या ऋषिकेश से बस मिलती है जो देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग होते हुए चमोली जाती है और चमोली से गोपेश्वर तक जाती है। उसी बस से आप रुद्रप्रयोग तक का सफर कर सकते हैं। रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक के सफर के लिए पहले सोनप्रयाग तक जाना होगा। सोनप्रयाग तक जाने के लिए रुद्रप्रयाग से सीधी बसें या जीप मिल जाती है और यदि नहीं भी मिले तो गुप्तकाशी तक जा सकते हैं और उसके बाद गुप्तकाशी से सोनप्रयाग। सोनप्रयाग पहुंचकर वहां से जीप द्वारा गौरीकुण्ड तक पहुंचे।
कहाँ रुके?
यहाँ रुकने के लिए आपको सोनप्रयाग और गौरीकुंड में होटल 1000 से 1500 में मिल जाते है। इनका किराया भीड़ पर भी थोड़ा निर्भर करता है। आपको यहाँ dormitory भी मिल जाती है जिसमे आपको 350 तक bed मिल जाता है।अगर आपको सिर्फ सामान रखना हो तो यहाँ लाकर रूम भी मिल जाते है। इसके अलवा केदारनाथ धाम में रुकने के कई option है। यहाँ आप टेंट में रुक सकते है, जिसमे प्रति व्यक्ति किराया 350 होता है। आप यहाँ hut house में भी रुक सकते है। जिसमे आपका किराया 1000 रूपए तक होता है।
केदारनाथ की यात्रा अप्रैल से मई के बीच शुरू हो जाती है। लेकिन यह यात्रा शुरू होने की कोई पक्की डेट नहीं होती यह डेट निर्भर करती है बर्फबरी पर अगर सर्दियों के महीने में बर्फबारी ज्यादा हुई तो यात्रा शरू होने में समय भी लग जाता है। अगर बर्फबरी कम होती है तो अप्रैल तक केदारनाथ की यात्रा शुरू हो जाती है और बर्फबारी ज्यादा हुई तो मई तक यात्रा शुरू कर दी जाती है। क्योंकि बर्फ को हटाने में भी समय लगता है। लेकिन यह अप्रैल से मई के बीच शुरू हो जाती है।
आप केदारनाथ पहुंच कर रूम लेकर मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते है। season time पर यहाँ बहुत समय लगता है। यहाँ सुबह और शाम की आरती जरूर देखे। आरती का समय 6 बजे होता है। केदारनाथ के जाने के लिए सबसे सही समय सितम्बर से नवंबर होता है। क्युंकि इस समय भीड़ कम होती है, और बारिश न होने की वजह से परेशानी भी काम होती है। केदारनाथ में आप कुछ और जगह भी घूम सकते है, जैसे की भैरव मंदिर, वासुकि ताल और गाँधी सरोवर। केदरनाथ मंदिर में दर्शन करने बाद चाहे तो भैरव नाथ के दर्शन के लिए जा सकते है इसकी दूरी केदारनाथ मंदिर से महज आधा किलोमीटर है जहाँ भैरव नाथ की सुंदर प्रतिमा स्थपित है । यहाँ की जो प्राकृतिक सुंदरता है वो देखते बनती है यह सरोवर पहाड़ो के चोटी पर निर्मित एक प्राकृतिक झील है जहाँ से वादियों का दीदार कर सकते है । केदरनाथ मंदिर से वासुकि ताल की दूरी 7 किलोमीटर है इसे घूमने की लिए आपको एक दिन और केदरनाथ में रुकना पड़ेगा क्योंकि ये दूरी ट्रैकिंग करते हुए पैदल ही तय करना पड़ेगा। केदारनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गाँधी सरोवर में केदारनाथ दर्शन के बाद घूमने जा सकते है ।
केदारनाथ ट्रेक करते समय इन बातों का खास ध्यान रखना है। अपने साथ एक रेन कवर जरूर रखना क्योंकि केदारनाथ का मौसम कभी भी बदल जाता है और बारिश शुरू हो जाती है। इसलिए रेन कवर रखना ना भूले। यहाँ ट्रेक करते समय अच्छे आरामदायक जूते पहने क्योंकि यह ट्रेक बहुत लम्बा है इसलिए आरामदायक जूते बहुत जरुरी है। अपने साथ कम से कम सामान साथ रखें क्योंकि ज्यादा सामान साथ होगा तो आप जल्दी थक जाओगे। अगर आपके पेरो के नाख़ून लम्बे है तो उन्हें काट ले नहीं तो नीचे उतरते समय यह आपको तकलीफ देंगे। जाने से पहले हो सके तो थोड़ा exercise जरूर करना शुरू करे नहीं तो अचनाक इतनी लम्बी ट्रैकिंग में आपको परेशानी हो सकती है।
केदारनाथ मे खर्चे को हमने 3 भाग में बाटा है जो इस प्रकार है –
पहला – अगर आप गौरी कुंड से केदारनाथ मंदिर तक पैदल दूरी तय करते है तब आपको एक दिन बेस कम्प में रुकने और खाने के साथ में 3 हजार रूपए लग जायेंगे यदि आप ऑफ सीजन में आते है तब अन्यथा इसका डबल लगेगा ।
दूसरा – अगर आप घोड़े खच्चर के द्वारा गौरी कुंड से मंदिर तक की दूरी तय करते है तब यही खर्च 7000 रूपए पहुंच जायेगा
तीसरा – लास्ट में हम अगर हेलीकाप्टर की बात करे तो अमूमन 10000 रूपए एक व्यक्ति का जा सकता है ।
केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए आपके पास कम से कम 4 दिन का समय होना चाहिए। 2 दिन जाने के लिए और 2 दिन लौटने के लिए जहाँ से भी आप आ रहे है, उस सफर के समय को मैं काउंट नहीं कर रहा हूँ , मै केवल हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा और दर्शन करने के बाद वापस लौट कर हरिद्वार रेलवे स्टेशन तक आने के 4 दिनों का समय लगेगा ।
आशा करता हूँ कि ये वीडियो आपको पसंद आयी होगी और वीडियो में दी गई जानकारी से आपको केदारनाथ जाने में सहायता मिलेगी। Video Like जरूर करे और सभी दोस्तों और परिवार जानो के साथ शेयर करे। Channel के support के लिए और आगे आने वाली वीडियो के लिए subscribe करे। मिलते है अगली destination की वीडियो के साथ. तब तक के लिए Take Care and Ride Safe. जय भोले नाथ
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